कभी कभी आत्ममुग्ध होना धीरे धीरे कठोरता और अहम में तब्दील हो जाता है. कभी कभी आत्ममुग्ध होना धीरे धीरे कठोरता और अहम में तब्दील हो जाता है.
"लड़के क्या करते हैं ?" " पैसा कमाते हैं।" " मैं भी बड़ी होकर पैसे कमाऊंगी।" "तुम कै "लड़के क्या करते हैं ?" " पैसा कमाते हैं।" " मैं भी बड़ी होकर पैसे कमाऊंगी...
चूंकि मैंने हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की थी और लिखने का शौक तो था ही चूंकि मैंने हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की थी और लिखने का शौक त...
अतः इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि किसी को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिेए। अतः इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि किसी को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिेए।
वफ़ाई ने नमाज पूर्ण की। उसने देखा कि जीत झूले पर मौन बैठा था। वफ़ाई ने उस मौन को भंग करने की चेष्टा नह... वफ़ाई ने नमाज पूर्ण की। उसने देखा कि जीत झूले पर मौन बैठा था। वफ़ाई ने उस मौन को भ...
अब और नहीं जीना इस दुखिया संसार में, अपने पास बुला लो, यहाँ कोई किसी का नहीं...? सब नाते-रिश्ते झूठे... अब और नहीं जीना इस दुखिया संसार में, अपने पास बुला लो, यहाँ कोई किसी का नहीं...?...